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वन पंचायत की अहमियत- हम इन्हें क्यों बचाते है

कहानीकार- दीपक पछाई
ग्राम सरमोली, मुनस्यारी, जिला पिथौरागढ़
उत्तराखंड
सितम्बर 2023

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फोटो: उत्तराखण्ड के संचायती वन

यह कहानी सरमोली-जैंती वन पंचायत की है, जिसके हकदार दो राजस्व ग्राम सभाओं- सरमोली व जैंती से आते हैं। यह वन पंचायत उत्तराखण्ड राज्य के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी ब्लॉक में स्थित है। 

मेरा बचपन इन्हीं जंगलों में खेलते हुए बीता है। उन दिनों मेरा समय पेड़ों पर चढ़ना, अखरोट तोड़ना, पानी को रोक कर तालाबों को बनाना, जंगलों में हुड़दंग करना और बहुत कुछ करने में बीता। तब मुझे वन पंचायतों के बारे में उतना पता नही था और यह कि वन पचायतों के कुछ नियम भी होते है, इसका कोई आभास नहीं था। बड़े होते-होते मुझे थोड़ी बहुत वन पंचायत के प्रति जानकारी प्राप्त हुई। 

फोटो: सरमोली- जैंती वन पंचायत में श्रमदान कर देवदार पेड़ों का वृक्षारोपन

आजकल मैं देखता हूँ कि आम तौर पर पहाड़ के लोग वन पंचायत के नियमों के बारे में कुछ ज्यादा नहीं जानते। परंतु इसके विपरीत वन पंचायत सरमोली-जैंती के हकदार अपने वन पंचायत के प्रति सचेत हैं और इसके परिणामस्वरूप हम अपने वनों का संरक्षण व संवर्धन करते आ रहे है। हम हर साल वन पंचायत में पेड़ लगाने, पानी के स्रोतों को साफ करने तथा साल में 4- 5 महीने के लिए घास बचाने के लिए चौकिदार रखते है। गांव वालों द्वारा नियुक्त चौकीदार वन पंचायत में घास की चोरी व चराई से बचाने के अलावा लकड़ी, पतेल, रिंगाल को भी चोरी होने से बचाते हैं। इन प्रकृतिक संसाधनों को गांव वाले अपने जीवन निर्वाह के लिए उपयोग करते हैं। जाड़ों में आपने गाय-भैंस को खिलाने के लिए इस घास को नीलामी प्रक्रीया से खरीदते है। उगाया पैसा वन पंचायत के कोष में जमा होता है और उसी पैसे से चौकीदार के मानदेय दिया जाता है।

फोटो: सरमोली- जैंती वन पंचायत से घास की चोरी करते पकड़ी गई महिलाएं

अक्सर वन पंचायत में चोरी करते समय पकड़े गये लोगों से उनका हथियार छीन लिया जाता है। दण्ड की रकम वन पंचायत कोष में भरने पर उनके दातुली- रस्सी को वापस कर दिया जाता है। अगर वन पंचायत में ज्यादा गाय-भैंस चोरी छुपे घुस गये तो गांव के लोग उनको भगाने में चौकीदार की मदद करते है।

फोटो: पेड़ के ऊपर बनी मचान से चौकीदारी करते हुए  

बिना भय व डर के चौकीदार वन पंचायत में अकेले घूमती है क्योंकि इस काम में गांव के लोग उनके साथ है। मेरी यह विडियो कहानी आपको इस एक चौकीदार के साथ वन पंचायत में धूम कर चौकीदारी के बारे में एक झलक दिखाती है।


Meet the storyteller

Deepak Pachhai
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Born into the Barpatia schedule tribe community, Deepak is currently pursuing his undergraduate studies in Munsiari, with no desire to live anywhere other than his village Sarmoli, with the snowcapped Panchachuli visible from his bedroom window. He enjoys  a deep connection with nature and is training to become a bird guide so he can carve a name for himself. He loves nothing better than to wander these mountain landscapes, other than maybe football. His status photo is CR7 and Christiano Ronaldo is his hero.

 

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