यह कहानी सरमोली-जैंती वन पंचायत की है, जिसके हकदार दो राजस्व ग्राम सभाओं- सरमोली व जैंती से आते हैं। यह वन पंचायत उत्तराखण्ड राज्य के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी ब्लॉक में स्थित है।
मेरा बचपन इन्हीं जंगलों में खेलते हुए बीता है। उन दिनों मेरा समय पेड़ों पर चढ़ना, अखरोट तोड़ना, पानी को रोक कर तालाबों को बनाना, जंगलों में हुड़दंग करना और बहुत कुछ करने में बीता। तब मुझे वन पंचायतों के बारे में उतना पता नही था और यह कि वन पचायतों के कुछ नियम भी होते है, इसका कोई आभास नहीं था। बड़े होते-होते मुझे थोड़ी बहुत वन पंचायत के प्रति जानकारी प्राप्त हुई।
आजकल मैं देखता हूँ कि आम तौर पर पहाड़ के लोग वन पंचायत के नियमों के बारे में कुछ ज्यादा नहीं जानते। परंतु इसके विपरीत वन पंचायत सरमोली-जैंती के हकदार अपने वन पंचायत के प्रति सचेत हैं और इसके परिणामस्वरूप हम अपने वनों का संरक्षण व संवर्धन करते आ रहे है। हम हर साल वन पंचायत में पेड़ लगाने, पानी के स्रोतों को साफ करने तथा साल में 4- 5 महीने के लिए घास बचाने के लिए चौकिदार रखते है। गांव वालों द्वारा नियुक्त चौकीदार वन पंचायत में घास की चोरी व चराई से बचाने के अलावा लकड़ी, पतेल, रिंगाल को भी चोरी होने से बचाते हैं। इन प्रकृतिक संसाधनों को गांव वाले अपने जीवन निर्वाह के लिए उपयोग करते हैं। जाड़ों में आपने गाय-भैंस को खिलाने के लिए इस घास को नीलामी प्रक्रीया से खरीदते है। उगाया पैसा वन पंचायत के कोष में जमा होता है और उसी पैसे से चौकीदार के मानदेय दिया जाता है।
अक्सर वन पंचायत में चोरी करते समय पकड़े गये लोगों से उनका हथियार छीन लिया जाता है। दण्ड की रकम वन पंचायत कोष में भरने पर उनके दातुली- रस्सी को वापस कर दिया जाता है। अगर वन पंचायत में ज्यादा गाय-भैंस चोरी छुपे घुस गये तो गांव के लोग उनको भगाने में चौकीदार की मदद करते है।
बिना भय व डर के चौकीदार वन पंचायत में अकेले घूमती है क्योंकि इस काम में गांव के लोग उनके साथ है। मेरी यह विडियो कहानी आपको इस एक चौकीदार के साथ वन पंचायत में धूम कर चौकीदारी के बारे में एक झलक दिखाती है।
Born into the Barpatia schedule tribe community, Deepak is currently pursuing his undergraduate studies in Munsiari, with no desire to live anywhere other than his village Sarmoli, with the snowcapped Panchachuli visible from his bedroom window. He enjoys a deep connection with nature and is training to become a bird guide so he can carve a name for himself. He loves nothing better than to wander these mountain landscapes, other than maybe football. His status photo is CR7 and Christiano Ronaldo is his hero.
बारपटिया अनुसूचित जनजाति समुदाय में जन्मे दीपक वर्तमान में मुनस्यारी में अपनी स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं, और अपने गांव सर्मोली के अलावा कहीं और रहने की कोई इच्छा नहीं रखते, जहां उनके बेडरूम की खिड़की से बर्फ से ढकी पंचाचूली दिखाई देती है। उन्हें प्रकृति से गहरा लगाव है और वह बर्ड गाइड बनने के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं ताकि वे अपना नाम कमा सकें। उन्हें इन पहाड़ी क्षेत्रों में घूमने से ज्यादा कुछ पसंद नहीं, सिवाय फुटबॉल के। उनके स्टेटस फोटो में सीआर7 है और क्रिस्टियानो रोनाल्डो उनके हीरो हैं।
Voices of Rural India is a not-for-profit digital initiative that took birth during the pandemic lockdown of 2020 to host curated stories by rural storytellers, in their own voices. With nearly 80 stories from 11 states of India, this platform facilitates storytellers to leverage digital technology and relate their stories through the written word, photo and video stories.
ग्रामीण भारत की आवाज़ें एक नॉट-फ़ॉर-प्रॉफ़िट डिजिटल प्लैटफ़ॉर्म है जो 2020 के महामारी लॉकडाउन के दौरान शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण कहानीकारों द्वारा उनकी अपनी आवाज़ में कहानियों को प्रस्तुत करना है। भारत के 11 राज्यों की लगभग 80 कहानियों के साथ, यह मंच कहानीकारों को डिजिटल तकनीक का प्रयोग कर और लिखित शब्द, फ़ोटो और वीडियो कहानियों के माध्यम से अपनी कहानियाँ बताने में सक्रीय रूप से सहयोग देता है।