Culture,  Himachal Pradesh,  Hindi,  Lived Heritage

ठाकुर मोनी की कहानी

मेरी दादी मुझे किन्नौरी लोक गीत सुनाती है जिसमें कामरू गांव की एक लड़की ठाकुर मोनी, जो एक युवा गंगा सुख से प्यार करती थी, की शादी जबरन किसी अन्य व्यक्ति से साथ कर दी जाती है और कहानी का जो दुखद अंत होता है। वे बताती हैं कि उनके जमाने में लड़कियों की शादी उनकी सहमति के बिना कर दी जाती थी। लेकिन अब समय और समाज दोनो बदल गए हैं और किन्नौर की लड़कियों को अपना साथी चुनने और शिक्षा हासिल करने की आजादी है।


Storyteller: Isha Dames
Meeru, District Kinnaur,
Himachal Pradesh

Read this story in English

एक दिन मैं अपनी आपी (दादी) के साथ कुछ काम कर रही थी। काम करते-करते आपी एक गाना गाने लगे। आपी से गाने सुनकर मुझे काफी मज़ा आता है क्योंकि बचपन का ज्यादा वक्त मैंने मेरी आपी-तेते (दादी-दादु) के साथ ही बिताया है और साथ ही साथ उन्होंने मुझे बहुत सी ऐसी चीज़े भी सिखाई है जो आज के वक्त मे मेरे बहुत काम आती है। आपी को पारम्परिक लोकगीत व किन्नौरी नृत्य करना काफ़ी पसंद है इसीलिए जब भी उन्हें गाना गाने व नृत्य करने का मौका मिले वह कभी भी उस मौके को जाने नहीं देती।

फ़ोटो: मैं और मेरी आपी

मेरी आपी ने जो गाना गया था वह हमारे किन्नौर में घटी एक सच्ची घटना है। बचपन से देखती आई हूँ कि किन्नौर के पारम्परिक लोकगीत सच्ची घटनाओं या त्यौहारों, देव समाज से जुड़ी मान्यताओं पर ही आधारित होते है। मैंने अपनी आपी से इसके बारे में बात किया था कि यह गाना कब लिखा गया होगा? तो मेरी आपी का कहना था यह गाना उनके जन्म लेने से भी पहले का है और उनके आपी -दादी (परदादी) के जमाने से चला आ रहा है।

ठाकुर मोनी का जो किन्नौरी लोक गीत है वह एक दुखद घटना पर आधारित है।

ठाकुर मोनी एक महिला का नाम था जो किन्नौर के कामरु गांव के दुध्यान खानदान की बेटी थी। दुध्यान उस ज़माने में कामरू गांव का एक बड़ा खानदान था और काफ़ी अमीर थे। मशहूर कहावत के अनुसार वह खानदान इस बात का घमंड भी लगाते थे कि वे गांव की पहाड़ियों को नमक से ढक सकते है, जबकि नमक उस समय काफ़ी महंगा पाया जाता था।

ठाकुर मोनी का एक प्रेमी था जिनका नाम गंगा सुख था जो किन्नौर के सांगला गांव के रायपल्टू खानदान के बेटे थे। रायपाल्टु भी उस ज़माने में काफ़ी बड़ा व मशहूर खानदान था। उस समय पशु धन ही अर्थिक धन को दर्शाता था और उनके पास काफ़ी अधिक मात्रा में भेड़ बकरियां थी।

ठाकुर मोनी अपने प्रेमी गंगा सुख से बेहद प्रेम करती थी और वह उन्ही के साथ शादी करके अपना घर बसाना चाहती थीं। लेकिन उनके परिवार को शायद यह रिश्ता मंजूर नहीं था इसीलिए उन्होंने ठाकुर मोनी की शादी भगवान दास नाम के लड़के से करवा दी जो किन्नौर के रोगी गांव के संगच्यान खानदान के बेटे थे।संगच्यान भी रोगी गांव का एक बड़ा खानदान था और वे भी काफी अमीर थे। वह इतने अमीर थे की उनके घर को लकड़ी की कारीगरी के जगह पत्थर की कारीगरी से सजाया गया था।

एक दिन ठाकुर मोनी और उसके 17 सहेलियां साथ बैठकर इस विषय में चर्चा कर रही थे कि किसका दुख सबसे अधिक है। उनके बात करने पर पता चलता है कि ठाकुर मोनी का दुख सबसे ज्यादा है।

ठाकुर मोनी कहती हैं-

“मैंने तो सोचा था मैं अपने प्रेमी के साथ शादी करके सांगला गांव के तीन मंजिलें रायपाल्टू खानदान के घर जाऊंगी। लेकिन मेरे मां-बाप पापी हैं क्योंकि जिससे मैने प्रेम किया और जहां मैं शादी करना चाहती थी वहां मेरी शादी नहीं करवाई। मेरे साथ बहुत गलत हुआ।”

गाने के अंत में ठाकुर मोनी की मृत्यु उनके पति के हाथों हो जाती है। शक और गलतफैमी के चलते उन्हें अपनी जान गवानी पड़ती।

फ़ोटो:  ठाकुर मोनी का घर

मेरी आपी ने मुझे बताया था कि उनके जमाने में भी इस तरह का रिवाज शामिल था जिसमें लड़कियों की बातों को नज़र अंदाज़ किया जाता था और बिना बताए उनकी शादी करवाई जाती थी। बल्कि एक ऐसा रिवाज था जिसमें लड़कियों को लड़कों द्वारा शादी करने के लिए ‘खींचकर’ (लड़की की मर्ज़ी जाने बिना) ले जाया जाता था जो अब खत्म हो गया है। वक्त के साथ-साथ यह सब कुछ बदलता जा रहा है और लड़कियों को भी समाज द्वारा समझा जा रहा है। आज लड़कियां स्वतंत्र होकर अपनी शिक्षा ग्रहण कर रही है। उन्हें शादी के लिए कोई जोर जबरदस्ती नहीं किया जाता और उनकी अपनी इच्छा के अनुसार ही शादी करवाई जाती है। आज महिलाएं स्वतंत्र होकर अपने जीवन को जीती है। जब कभी भी मैं इस गाने को सुनती हूं तो ऐहसास होता है कि मेरे परिवार और क्षेत्र की सोच काफ़ी आगे बड़ चुकी है।

Meet the storyteller

Isha Dames
+ posts

Isha is a nineteen-year-old from the village of Meeru in Kinnaur district of Himachal Pradesh. She loves singing to herself and listening to old Bollywood music and traditional Kinnauri songs. She is a student of Hindi literature and is currently in the second year of her Bachelor’s degree. She wants to be a Hindi teacher in the future.

उन्नीस वर्षीय ईशा हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के मीरू गांव में रहती है। उन्हें गीत गाना, पुराने बॉलीवुड संगीत और पारंपरिक किन्नौरी गीत सुनना पसंद है। वह हिंदी साहित्य की छात्रा हैं और वर्तमान में अपनी स्नातक डिग्री के दूसरे वर्ष में हैं। ईशा भविष्य में हिंदी शिक्षक बनना चाहती है।

 

+ posts
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x